Tuesday, January 13, 2009

एक और पहेली ! बूझो तो जाने ?

आज सुबह सुबह मुझे कुछ नही सूझा तो सोचा मैं भी क्यूँ नही कुछ पहेली बुझाऊं ? और फिर बस क्या था , आव देखा न ताव बस चिपका दिया ये फोटो | आप लोग बूझें की ये चित्र किस चीज़ का है , कहाँ हैं ? जितना जयादा विस्तार में बताएँगे उतना और लोगो को भी फायदा होगा | और हाँ मैं बस इतना कह सकता हूँ की ये भारत में ही है | चलिए अपने अपने दिमाग पर जोर डालिए और इस आसान सी पहेली का जवाब दीजिये |

और हाँ ताऊ को धन्यवाद | मुझे ये पहेली की प्रेरणा उन्ही सी मिली |


17 comments:

Anonymous said...

हमें तो कोल्हापुर का म्यूज़ियम लग रहा है.

Vinay said...

यार बड़ा सुन्दर चित्र इससे ज़्यादा इसके बारे में पता करके बताता हूँ

ब्लागिंग या अंतरजाल तकनीक से सम्बंधित कोई प्रश्न है अवश्य अवगत करायें
तकनीक दृष्टा/Tech Prevue

Alpana Verma said...

यह छत्रपति साहू म्यूज़ियम है ,जो कोल्हापुर में है.जहाँ साहू जी के वंशज रहते हैं--इस के ग्राउंड floor पर म्यूज़ियम है.

Udan Tashtari said...

कोल्हापुर का म्यूज़ियम

Kolhapur Museum is an archeological museum situated in Kolhapur, Maharashtra. Established in 1946, the museum exhibits finds from Brahampuri excavations, paintings, arms, sculptures and miscellaneous works of arts and stone inscriptions.

prabhat gopal said...

kolhapur museum hai?

PD said...

ई का है भाई?
हमको तो नहीं पता..

संगीता पुरी said...

कोल्‍हापुर का म्‍यूजियम ही है....

seema gupta said...

This is an ancient building New Palace on the Bhavani Mandap-Kasaba Bavda Road. It was constructed during 1877-1884. Being an excellent specimen of architecture build in black, polished stone, it has been an attraction for the tourists. It has extensive premises with a beautiful garden, fountain and wresting ground. The whole building is eight-angled and has a tower in the middle. The clock on it fixed in 1877. At separate distance there are small towers. On every glass are painted the events in Shivaji's life. There is zoo and a ground lake. Even today, it is the residence of Shreemant Shahu Maharaj.
The interior of New Palace accommodates the Shahaji Chhatrapati Museum, given over to memorabilia of the Kolhapur rulers. Its furnished appartments and corridors are crammed with arms, haudahs, paintings and photographs.The Darbar Hall occupies a double-height space in middle of the Palace. The side walls display lobed arches filled with stained glass illustrating scenes from the life of Shivaji, carved coloumns with temple-like brackets support the cast iron balcony above. A raised throne is placed at one end of the Hall.

Regards

सुशील छौक्कर said...

वैसे हमें नही पता कि यह क्या हैं। पर जब सब कोल्हापुर का म्यूजियम बता रहे है तो यही होगा। वैसे लग बहुत ही खूबसूरत रहा है।

nehasaraswt said...

मेरी रचना पर आपकी टिपण्णी के लिए धन्यवाद्। कृपया पुनः पधारें

Himanshu Pandey said...

नहीं पता.

मोहन वशिष्‍ठ said...

कोल्‍हापुर का म्‍यूजियम ही है....

ताऊ रामपुरिया said...

PD भाई, सौ प्रतिशत नकल करके बता रहे ्हैं कि ये कोलहापुर का म्युजियम ही है. बहुमत कभी गलत नही होता. अब नही भी होगा तो इसे कोल्हापुर का म्युजियम ही बनाना पडेगा आपको. :)

ss said...

ई एक पुराना बिल्‍्डिग है। :)

ताऊ रामपुरिया said...

अमित भाई माफ़ करना, उपर कमेन्ट में हम आपकी जगह PD भाई लिख गये. उसको जरा सुधार कर PD जगह अमित पढियेगा और भाई इस गलती की वजह से हमको हरवा मत देना कहीं. :)

नीरज गोस्वामी said...

अब जब सब कोल्हापुर का म्यूजियम बता रहे हैं तो हम क्यूँ नक्कार खाने में अपनी अलग सी तूती बजाएं...हम भी सबके सुर में सुर मिला देते हैं...कोल्हापुर का म्यूजियम...
नीरज

हरकीरत ' हीर' said...

ताऊ, मुझे तो कोई भुतहा हवेली लागे है...भागो...!