"सर तो वो उपर नीचे ऐसे कर रहा था जैसे कोइ कसाइ बकरा हलाल करने का इन्त्ज़ार कर रहा हो"...और मन ही मन सोच रहा हो आ जा बेटा..बहुत दिनो से तेरा इन्तेज़ार था.....
ये उन दिनो की बात है जब मैने पहली बार नौकरी join की थी..शुरुवात मे २ महीने का training था..उसके बाद company मे joining थी...और ये उपरोक्त बाते मेरे दिमाग मे तब आयी थी जब मैने अपने PM को पहली बार
देखा था.....वो २ महीने मैने कितनी मस्ती की मत पूछिये...वो फिर कभी विस्तार मे लिखुगा....२ महीने के बाद company मे आया था...
पहला दिन induction program था...उसि दिन कुछ higher official से भी मिला...मेरा PM उस दिन छुट्टी पर
था..इसलिय उस दिन सिर्फ़ उस्सेय फोन पर हमारी बात करयी गयी ....मेरे PM के अन्दर कुल ५ लोग थे...उसी दिन हमे पता चला की मेरे PM का नाम आनन्द कुमार पान्डे है....
मस्त न...मस्त क्यो? अच्छा अच्छा एक बात मै आपलोगो को बताना भूल गया मैने चेन्नै की एक company join की थी ....और chennai की company मे जहां उतर भारत के लोग मुश्किल से पाये जाते है वहां आपका PM कोइ पान्डे होगा तो खुशी तो होगी ही न...
क्युं था ना मस्त? मै खुश था चलो कोइ उतर भारतीये अपना PM है...कभी कभी तो हिन्दी मै बात होगी ही....पहला दिन तो कुछ नही हुआ ...६ कब बज गया पता ही नहिं चला...वो प्रथम और आखिरी दिन था जब मै ६ बजे company से निकल गया था.....
दूसरा दिन मै ९ बजे office पहुच गया था..अरे भाइ अपनी छवि बनानी थी ना...इसलिय बिल्कुल समय पर पहुच गया था...काम PM के आने के बाद ही पता चलता की क्या करना है..?इसलिय PM का इन्तज़ार करने लगा....इसी बीच lunch का समय भी हो चला था...हां तो lunch भी हो गया ..लेकिन PM साहेब का कोइ अता-पता नही था..खैर ३ बजे बुलावा आया.....मतलब PM साहेब आ गये थे...उनसे मिलने जाना था....
"सर तो वो उपर नीचे ऐसे कर रहा था जैसे कोइ कसाइ बकरा हलाल करने का इन्त्ज़ार कर रहा हो"...और मन ही मन सोच रहा हो आ जा बेटा..बहुत दिनो से तेरा इन्तेज़ार था.....
खैर हाइ हेल्लो हुइ...उसकी अग्रेंज़ी सुनकर कुछ धक्का सा लगा...उतर भारतीये की अग्रेंज़ी ऐसी तो नहि होती है...फिर सोचा की हो सकता है यहां रह्ते रह्ते ऐसा हो गया हो..फिर उसे तमिल बोलते भी सुना....लेकिन यार ये तो पान्डेय है...पान्डेय तो पक्का उतर भारतीये होते है....चलो तमिल भी सीख गया होगा..
office क दूसरा दिन और मैन ८ बजे निकल office से....PM से project के बारे मै विचार-विमर्श हुआ....क्या
करना है क्या नहि .....लकिन मेरी उत्सुकता अभी तक बरकरार थी..जानने को बेत्ताब था मै आखिर ये चक्कर क्या है बास ..ये पान्डेय साहब कब से तमिल जैसे हो गये? आखिर ये है कहां के?माज़रा क्या है?बस फिर क्या थ मैने पूछ ही लिया अपने बगल मए बैठे collegue से....और जो सच सामने आया ..
वो ये कि भाइ साहब पक्के तमिल थे...उनका उतर भारत से दूर दूर तक कोइ रिश्ता नही था....फिर ये नाम क्यु ऐसा है...अब क्या कहुं वो गलती मेरी ही थी..उनका नाम पान्डेय न होकर पान्डी था....इसलिय वो पक्के तमिल थे..और अभि भी है .कहां जायेगें बेचारे...आज भी मेरा PM वही है..आज भी जब वो बात सोचता हु तो काफ़ी हंसी आती है...
14 comments:
सच कहा है
बहुत ... बहुत .. बहुत अच्छा लिखा है
हिन्दी चिठ्ठा विश्व में स्वागत है
टेम्पलेट अच्छा चुना है
कृपया मेरा भी ब्लाग देखे और टिप्पणी दे
http://www.ucohindi.co.nr
हिन्दी ब्लॉग जगत में प्रवेश करने पर आप बधाई के पात्र हैं / आशा है की आप किसी न किसी रूप में मातृभाषा हिन्दी की श्री-वृद्धि में अपना योगदान करते रहेंगे!!!
प्राइमरी का मास्टर का पीछा करें
बिल्कुल सही कहा
चिट्ठाजगत में आपका स्वागत है
खूब लिखें,अच्छा लिखें
हिन्दी ब्लॉग जगत में आपका हार्दिक स्वागत है, मेरी शुभकामनायें…
हिन्दी ब्लॉग जगत में प्रवेश करने पर आपका हार्दिक स्वागत है. मेरी शुभकामनायें...
हिंदी लिखाड़ियों की दुनिया में आपका स्वागत। अच्छा लिंखें। बढ़िया लिखे। शुभकामनांएं।
बहुत सुंदर...आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्लाग जगत में स्वागत है.....आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्त करेंगे .....हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।
हिन्दी ब्लॉग जगत में प्रवेश करने पर आपका हार्दिक स्वागत है। लिखते रहे। समय निकालकर मेरे ब्लोग पर आये.
स्वागत है आपका ब्लॉग जगत में
मेरे ब्लॉग परभी पधारें
aap sabhi logo ka bhaut bhaut dhanyawaad....main kosis karunga ki aaplogo ki expectations per khara utroon...
phir se ekbaar hausla afjaai ka sukriya....
abe saale, ku..(ghar chal, ghar pe gariyaynege :) public place me gariyana thik nahi..).. kab shuru kiya ye blog?? bataya bhi nahi?? aaj tera link chitthacharcha me dekhe tab pata chala.. :)
good yaar.. BARAHA ka achchha use kar rahe ho.. :)
अरे पद भाई ...नाराज़ क्यूँ होते हो ?
हम नही चिढायेगे..यार मार्गदर्शन और प्रेरणा तो तुम से ही मिली है
भाई ...बस हमारे साथ तुम यूँ ही बने रहो
good writing. Keep writing. ithink short article are like by readers.
मौन पर एक आर्टिकल लिखा है. इसे पढने के लिये प्लीज़ लोग ऑन करना avtarmeherbaba.blogspot.com पर. फिर बताना कैसा लगा.
स्नेह
चंदर
हिन्दी ब्लाग जगत में आपका हार्दिक स्वागत है ,आपका चिटठा पढ़ कर मज़ा आ गया ,इतनी हसीन ग़लतफहमी पर ज्योत्स्ना पाण्डेय की टिप्पणी बहुत ज़रूरी है .......हा हा हा .मेरी शुभ कामनाएं आपके साथ हैं .................
मेरे ब्लाग पर आपका स्वागत है
Post a Comment