Tuesday, January 20, 2009

एक और पहेली | बूझो तो जाने ?

शनिवार तथा रविवार कैसे बीत जाता है पता ही नही चलता | ५ दिन १२-१४ घंटे काम करने के बाद बस ये ही दो दिन कुछ आराम के होते थे | आज भी माँ बोलती हैं " बेटा प्राइवेट जॉब छोड़कर सारकारी जॉब कर लो " | लेकिन नही हम निराबुद्धू अब भी यही समझते हैं की प्राइवेट जॉब में जयादा पैसा है | लकिन छठा वेतन आयोग लागू होने के बाद वो भ्रम भी जाता रहा | खैर मैं जिस फिल्ड में हूँ सरकारी नौकरी काफ़ी कम है उसमे | ये सब तो चलता रहता है | सरकारी नौकरी करने से कम से कम पापा मम्मी के साथ तो रहता | अरे कहाँ मैं पहेली बुझाने आया था और मैं क्या से क्या लिखने लगा |
जरा इस ख्स्तेहाल पड़े किला पर नज़र दौरायें और हमें बताएं ये कहाँ पर है | और अगर जानकारी दे तो और भी उतम | तो चलिए आपका समय शुरू होता है अब |

35 comments:

Arvind Mishra said...

मुडिया कर काम करिए जहाँ भी रहिये -माँ बाप का ख्याल रखिये और मस्त रहिये -सरकारी नौकरी भोंदू और आलसी लोगों के लिए ठीक है ! रही पहेली तो मेरा तुक्का- फतेहपुर सीकरी !

Vinay said...

फतेहपुर सीकरी ही है

---आपका हार्दिक स्वागत है
चाँद, बादल और शाम

Preeti tailor said...

sarkari naukari karte hai tab internet office hoursme hi dekh sakte hai uske liye gharme vakt bacha sakte hai....yaani pagar puri aur kam apni marji ka....maine pandrah saal ki thi...

sarkari naukarime seniority is first preference ..real talent ki kadr to private naukari me hi hoti hai....this is my own view...

सुशील छौक्कर said...

किसी ने कभी कहा था।
हर किसी को मुकम्मल जहान नही मिलता
कभी धरती तो कभी आसमान नही मिलता।

और रही जी पहेली की बात तो जी बात ये है कि हमें पुराने स्मारक एक से ही लगते है। और वैसे भी ज्यादा स्मारक देखे भी नही। जब सब फतेहपुर सीकरी कह रहे है तो वही होगा।

प्रदीप मानोरिया said...

हमेशा की तरह रोचक

Vineeta Yashsavi said...

ho sakta hai Fathepur sikri hi ho.....

PD said...

आप बहुत अच्छा लिखते हैं..
कभी हमारे ब्लौग पर आकर हमारा भी उत्साहवर्धन करें.. :)

रंजू भाटिया said...

कोई पुराना स्मारक ..पुराना किला :)

Unknown said...

अभी तक कोई सही जवाब नही आया है | कुछ हिंट देना पड़ेगा | हिंट यह है की यह किला बिहार में अवस्थित है | अब तो आपलोग बता हे देंगे |

ss said...

मेरे ख्याल से रोहतास गढ का किला है।

RAJIV MAHESHWARI said...

भाई जान , ये तो किला लग रहा है. बिहार में भी किले है क्या ......!!!!!!!!!!!

ss said...

जी भाईजान बिहार मेँ और भी बहुत चीजेँ हैँ, कभी घुम आइये फिर कहियेगा,,,अच्छा बिहार मे ये भी है!!!

अमित भाई. ये रोहतास गढ के किले का एक दरवाजा है। जिसे शेरशाह सुरी ने बनवाया था। वही शेरशाह जिसका मकबरा सासाराम मे है। वही शेरशाह जिसने GT रोड का निर्माण किया।किया। बाद मे जिसने दिल्ली भी फतह की।

राज भाटिय़ा said...

चलिये हम शशवत जी की नकल मार कर इसे रोहतास गढ का किला बता देते है.
मां बाप का ध्यान जरुर रखे.
धन्यवाद

ss said...

इस दरवाजे को काबुल दरवाजा कहते हैँ। ऐसे कई और भी दरवाजे हैँ रोहतास गढ किले मेँ।

Pt. D.K. Sharma "Vatsa" said...
This comment has been removed by the author.
Pt. D.K. Sharma "Vatsa" said...

ये शेरशाह सूरी द्वारा निर्मित रोह्तास फोर्ट का काबुली दरवाजा है........

seema gupta said...

Sher Shah's Forts In Bihar, ...
Regards

seema gupta said...

"The Rohtasgarh Fort located in Rohtas district is 45 km far from Dehri and 39 km away from Sasaram. This fort is situated on the top of the Kaimur Hills. It got its name from mythological character Rohitashwa, the son of King Harischandra. The king stayed in this fort in exile for several years realizing danger to his life. On the top of the hill the Fort is constructed on a plateau at a height of 1500 ft above the sea level. There are about 2000 limestone cut steps from the foothill to the top. After the end of these steps there is a gate which is the first gate to the fort. From this gate Rohtas Fort lies at a distance of 2km from this gate. The Rohats fort is an outstanding example of Mughal architectural style. Once one the largest and strongest fort in India now is in ruins.

History of Rohats Fort is very long and interesting. Although the exact origin of the Rohtas fort is lost in history, the earliest monuments here dated back to king Sashanka of seventh century AD. In mediaeval times this fort was captured by Prithviraj Chauhan. However this fort rose to prominence only after captured by Sher Shah Suri in 1539 from a Hindu king. During the Sher Shah's reign 10000-armed men guarded the fort. During Sher Shah rule a Jama Masjid was built in this complex by Haibat Khan a soldier of Sher Shah. This fort came under Man Singh, Akbar’s General in 1588. He built a palace for himself inside the fort complex which is known as Takhte Badshahi. He also built Aina Mahal a palace for his main wife and Hathiya Pol the main gate of the Fort. "
Regards

Anonymous said...

शेरशाह द्वारा बनवाई गयी रोहतास का किला जो अब माओवादियों का अड्डा बना हुआ है.

ss said...

माफ़ कीजिये Subramanian जी लेकिन बिना किसी तथ्य के कुछ न लिखें| मैं सासाराम से सटे कैमूर जिले का हूँ, मुझे अच्छी तरह पता है कहाँ माओवादी हैं कहाँ नही| सासाराम, रोहतास जिले में तो न के बराबर| माओवादियों की समस्या जहानाबाद और गया जिले में है| कैमूर और रोहतास जिले में जनता द्बारा समर्थन् न मिलने से माओवादी जम नही पाये|

Alpana Verma said...

अरे अमित कोई एक दिन तय करलिजीये.पहेली पूछने का तो मैं भी निश्चित तौर पर भाग लेने आ पाऊँगी.
वैसे अब पहुँची हूँ तो शश्वत शेखर जी के जवाब के साथ हूँ.
रोहतास गढ के किले का एक दरवाजा है। जिसे शेरशाह सुरी ने बनवाया था। वही शेरशाह जिसका मकबरा सासाराम मे है।
details to seema ji ne de hi din hain--

Anonymous said...

hum bhi rohtak kila kehenge.

PD said...

शाश्वत जी, मैं ज्यादा तो कुछ नहीं कहूंगा मगर ये जरूर कहूंगा कि विक्रमगंज में मैं भी 3 साल रहा हूं जो सासाराम का ही एक अनुमंडल है.. पिताजी के साथ यहां वहां घूमते हुये काफी कुछ भौगोलिक स्थिति का भी ज्ञान हो गया..
पिता जी प्रशासनिक अधिकारी थे और मध्य बिहार में रोहतास को छोड़कर और कहीं भी पोस्टिंग नहीं हुआ था.. यह बात तब की है जब रणवीर सेना और माले का बोलबाला था.. अपने पिताजी को विक्रमगंज में जितना परेशान होते देखा था उतना पूरे बिहार में घूमते हुये फिर कभी नहीं देखा.. जब कभी हम अकेले पटना की ओर रवाना होते थे तब उनकी जान अटकी होती थी और तभी चैन उनको आता था जब हमारे पटना पहूंचने की खबर उन्हें मिल जाती थी.. उस समय मोबाईल का भी जमाना नहीं था, जो उन्हें पल-पल कि खबर मिलती रहे..

अभी का हाल नहीं पता.. शायद अब वैसा ना हो.. मैं सन् 1994-97 कि बात कर रहा हूं..

ss said...
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Anonymous said...

ये तो तय है कि ये एक किला है। इंडो मुगल पीरियड मे बना। बाकी जब रिजल्‍ट आएगा तो पता चल ही जाएगा।

ss said...

Prashant Ji,

आप यह भी अच्छी तरह जानते होंगे की कुछ राजनितिक दल के लोग सारी गुंडागर्दी रणवीर सेना और माओवादियों के नाम से करते थे, खासतौर पर सरकारी कर्मचारियों पर, कारण आप जानते होंगे| इन सब घटनाओं पर अब रोक लग चुकी है| आम जनता का समर्थन इन दलों के साथ जरुर था, माओवादियों के साथ नही| जहानाबाद, गया में असली माओवादी थे, ये समस्या अभी भी है, सुधार अवश्य आया है|

रोहतास में अभी वैसा बिल्कुल भी नही है| बिहार में जो कुछ भी नया हो रहा है उसके बारे में पढ़ें तो स्थिति का पता चलेगा| उससे अच्छा होगा की किसी बिहारी जो बिहार में हो बात करें| दुर्दशा भूल जाएँ, विकास को महसूस करें| कुछ तथ्य मैं आपको दूंगा थोडी देर में|

PD said...

अरे विक्रमगंज जिला बन गया.. लगता है सच में मुझे बहुत कुछ नहीं पता है और काफी कुछ बदल गया है.. उस समय विक्रमगंज सासाराम का एक अनुमंडल हुआ करता था जिसके अंदर में आठ प्रमंडल हुआ करते थे.. सासाराम जिले के अंदर तीन अनुमंडल थे.. विक्रगंज, डेहरी-ऑन-सोन और सासाराम..
खैर लगता है आपसे बहुत जानकारी मिलने वाली है.. इंतजार है.. :)

संगीता पुरी said...

आपने ऐसी हिंट दे दी कि पहेली ही आसान हो गयी....गूगल सर्च में ढूंढ लें ..... fort in bihar ...... सबसे पहले नं पर शेरशाह का यह किला ही आ रहा है ..... खैर विजेताओं को बहुत बहुत बधाई।

ताऊ रामपुरिया said...

अब यहां मान. सीमाजी और मान. अल्पना जी के जवाब क्रमश: आ ही चुके हैं तो जवाब तो रोहतासगढ का किला ही है.

मैं आज मेरे शहर से बाहर हूं, इसलिये शाम को आया हूं, अगर यहां रोहतासगढ का नाम नही भी होता तो आपके हिंट के बाद मैं रोहतास गढ ही जवाब देता.

उसका कारण मैं बता देता हूं और अन्य साथिउओं को भी जानना अच्छा लगेगा कि देवकीननदन खत्री जी ने चन्द्रकाता के बाद चन्द्रकांता संतति और फ़िर उसमे परिदृश्य रोहतासगढ किले का लिया था.

फ़िर बाद मे उन्होने रोहतासगढ के नाम से भी एक तिलस्मी उपन्यास लिखा था.

मैने ये सभी उपन्यास पढे हैं तो बिहारे मे मेरे जेहन मे किले के नाम पर यही नाम था.

खैर आपका जवाब आने पर पक्का करते हैं . वैसे अब शक की गुंजाईश ही नही छोडी गई है. :)

मोहन वशिष्‍ठ said...
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मोहन वशिष्‍ठ said...

अरे भाई हम लेट हो गए वरना आज विजेता होते
यह हे बिहार का शेर शाह द्वारा सोलह‍वीं सदी में बनवाया गया रोहताश किला है


Rohtas Fort in Bihar, built by Sher Shah (1486-1545) and later used by travelling Mughals as a garrison, is in the iron grip of Maoist extremists and tourist traffic to the impressive structure has dried up.

Anonymous said...

जब इतने सारे लोग कह रहे हैं कि यह बिहार में है और रोहतास गढ के किले का एक दरवाजा है। जिसे शेरशाह सुरी ने बनवाया था तो इस फाटक की क्या हिम्मत है कि वह इसे मानने से इंकार कर दे. अत: मैं तो वही कहने जा रहा हूं जो "सर्व सम्मत" है !!

सस्नेह -- शास्त्री

PD said...

शाश्वत भाई.. पक्की खबर.. विक्रमगंज अभी तक रोहतास जिला का ही हिस्सा है. :)

Himanshu Pandey said...

सर्वसम्मति में मेरी भी मति.
धन्यवाद.

उपाध्यायजी(Upadhyayjee) said...

अमित भाई,
सबसे पहले तो बधाई कि आपने रोहतास के बारे मे बताने का प्रयास किया। लेकिन अफ़सोस कि बात ये है कि जो फोटो आपने डाली है वो फोटो रोहतासगढ़ जो कि कैमुर पहाड़ पर है उसका नहीं है। ये फोटो शेरशाह द्वारा निर्मित रोहतास का किला है को कि पाकिस्तान मे है। क्रुपया अपने पाठकों को ये फिर से संदेश दें कि फोटो मे दिखाया गया किला पाकिस्तान मे अवस्थित रोहतास का किला है।
मैं भी रोहतास जिला का रहने वाला हुं।
http://gaon-dehaat.blogspot.com