कहत्ते हैं काम कोई छोटा बड़ा नही होता बस अपना अपना नजरिया होता है | आप जो कर रहे हैं उसी में खुश रहिये | और इस बन्दे को देखिये ये भी अपने काम में मस्त है ! आपने कभी अपने दुपहिया वाहन को बाहर पार्सल किया है ? अजी तो आज देख लीजिए | आपने बहुत कुलियों को देखा होगा जो भारी से भारी सामान उठाते हैं | पर ऐसा आप पहली बार देख रहे होंगे .........
दुपहिया वाहन सामान्यतः ट्रेन से लोग बेझते हैं | लकिन रात में चलने वाली वोल्वो बस भी इसे ले जाती हैं | लेकिन वोल्वो बस में नीचे स्पेस होता है जहाँ आराम से दुपहिया मोटर वाहन को दाल दिया जाता है | लेकिन अगर जगह ना हो तो .........
जी हाँ ऐसे .....ये तस्वीर बंगलोर के कलासी पालयम बस स्टैंड की है.....ये बंदा महज़ २० रूपये में ये काम डेली करता है | २०० केजी की गाड़ी को ये ऐसे चढाता है जैसे कोई खिलौना हो....इसका नाम तो मुझे नही मालुम लेकिन आप जब भी कलासिपलाय्म जायेंगे ये आपको जरुर मिल जायेगा |
जब बात दिल से लगा ली तब ही बन पाए गुरु
16 hours ago
24 comments:
vah kamaal ki post hai kya camera saath hi rehta hai
बहुत सही तरह से प्रस्तुत किया है आपने ...मुझे तो आश्चर्य हुआ बहुत
मेरी कलम - मेरी अभिव्यक्ति
amit badi khoji reporting karte ho yar. camera ka acha istemal hai
congrats
कमाल है इतनी भारी बाइक इतने आराम से .आपने भी कमाल के फोटो लिए हैं
maan gaye!
is vyakti par kisi tonic wali company ki nazar nahin padi??wo advert ke liye le jaatey..ya phir..kisi pahalwaaan trainer ki ---is vyakti ki is quality ko sahi jagah istmaal karna chaeeye.
yah sach mein unique hai.
is vyaktike baare mine aur pictures aap Zee tv ke programme ko kyun nahin bhej detey??
papi pet ka saval hai ..ye pet insaanko kya kya karta hai .....khair lagta hai aaj tak motorcyclene insaan ka boj uthaya hai ,aaj kuchh ulta hua hai....
"amezing............"
regards
alpna jee...Next time bangalore gaya to iske baare main aur jayada jaankaari lunga..phir ho sakega to bejhunga....
ग़जब. इनके साहस को सलाम.
कमाल के फोटुवा है भाई.......ओर कमाल का सर है.....कंधे तो क्या कहे .....
Kamal ka banda hai... kaaml ki pictures apne dikhayi...
अद्भुत चित्र है...कहते हैं न जिंदगी कभी कभी कभी कल्पना से ज्यादा आश्चर्यजनक होती है.
paisa jo na karaye kam hae
कमाल के फोटो। कमाल का काम।
!!!
२० रूपये इस काम के लिए कम हैं, कम से कम ५० रूपये देने चाहिए
भाई जी,
आपने जो प्रस्तुत किया, निःसंदेह गाडी को भेजने वाले की ही नही बल्कि चढाने वाले की मजबूरी को प्रर्दशित करता है.
इतने मुश्किल काम को सहज रूप से इतने काम पैसे में अंजाम देने के लिए उस अनाम को मेरा सलाम, पर यह सच है कि वास्तविक ज्ञानी, वास्तविक कर्मयोगी, कभी भी अपने कर्म को पैसे से नही बल्कि इन्सान की सहूलियत से तौलता है और इसी में उसे जो खुसी प्राप्त होती है वही उसका सच्छा पारिश्रमिक है.
आसानी से रिश्वत लेकर, लोगों को डरा कर, आतंकवाद फैला कर, कानून का डर बता कर, आदि - आदि तरह से धन कमाने वालों को इससे कुछ सबक मिलेगा, मुझे संदेह है.
चन्द्र मोहन गुप्त
भाई जी,
आपने जो प्रस्तुत किया, निःसंदेह गाडी को भेजने वाले की ही नही बल्कि चढाने वाले की मजबूरी को प्रर्दशित करता है.
इतने मुश्किल काम को सहज रूप से इतने काम पैसे में अंजाम देने के लिए उस अनाम को मेरा सलाम, पर यह सच है कि वास्तविक ज्ञानी, वास्तविक कर्मयोगी, कभी भी अपने कर्म को पैसे से नही बल्कि इन्सान की सहूलियत से तौलता है और इसी में उसे जो खुसी प्राप्त होती है वही उसका सच्छा पारिश्रमिक है.
आसानी से रिश्वत लेकर, लोगों को डरा कर, आतंकवाद फैला कर, कानून का डर बता कर, आदि - आदि तरह से धन कमाने वालों को इससे कुछ सबक मिलेगा, मुझे संदेह है.
चन्द्र मोहन गुप्त
आईला ये क्या है.. ग़ज़ब... गाड़ी बस में तो सकुशल चढ़ गयी.. पर मंज़िल पर भी सकुशल पहुचेगी या नही..
कमाल है ऐसा भी होता है !!
ऐसी साहसी पुरूष को सलाम है .
वाह कमाल है, जबर्दस्त.
धन्यवाद
ई तो कमाल हो गया भैया!
I really appreciate your professional approach. These are pieces of very useful information that will be of great use for me in future.
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